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हिमाचल में न्यूनतम किराया ₹10 किए जाने पर ABVP का विरोध, छात्रों पर बोझ बढ़ाने का आरोप

धर्मशाला – हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा सार्वजनिक परिवहन का न्यूनतम किराया ₹7 से बढ़ाकर ₹10 किए जाने के फैसले का अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने विरोध किया है। ABVP के विभाग संयोजक शेखर कंडारी ने इस निर्णय को विद्यार्थियों के हितों के विरुद्ध बताते हुए सरकार से पुनर्विचार की मांग की है।

सरकार का तर्क है कि यात्रियों के पास ₹7 के खुले पैसे नहीं होते, जिससे ड्राइवर और कंडक्टर को असुविधा होती है। इस समस्या से निजात पाने के लिए सरकार ने न्यूनतम किराया ₹10 कर दिया है। हालांकि, ABVP का मानना है कि यह फैसला खासकर दूरदराज़ से आने वाले छात्रों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डालने वाला है।

शेखर कंडारी ने कहा कि, “छात्र पहले ही सीमित जेब खर्च में शिक्षा, आवास और अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में ₹7 की बजाय ₹10 किराया देना कई छात्रों के लिए मुश्किल होगा, विशेषकर उन विद्यार्थियों के लिए जो गरीब या मध्यमवर्गीय परिवारों से आते हैं।”

उन्होंने सरकार से अपील की कि वह इस फैसले पर तुरंत पुनर्विचार करे और विद्यार्थियों के लिए रियायती किराये की व्यवस्था करे, जिससे उन्हें राहत मिल सके।

परिषद ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने शीघ्र ही इस फैसले को वापस नहीं लिया तो ABVP चरणबद्ध आंदोलन शुरू करने के लिए बाध्य होगी।

शेखर कंडारी ने यह भी स्पष्ट किया कि ABVP छात्रों के हक और सुविधाओं के लिए संघर्ष करती रही है और भविष्य में भी हर उस फैसले के विरोध में खड़ी होगी जो विद्यार्थियों के हितों को प्रभावित करता है।

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