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पंजाब ने पानी पर खींची लकीर: जल संसाधन मंत्री बरिंदर गोयल बोले

चंडीगढ़, 5 मई:
पंजाब के जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने आज एक सख्त बयान जारी करते हुए बी.बी.एम.बी. (भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड) पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि बी.बी.एम.बी. अब केवल केंद्र सरकार की कठपुतली बनकर रह गया है और पंजाब के हितों की रक्षा के लिए इसका पुनर्गठन किया जाना बेहद जरूरी है।

मंत्री ने स्पष्ट किया कि पंजाब अपने हिस्से का एक बूंद पानी भी हरियाणा को नहीं देगा। उन्होंने कहा कि केवल इंसानियत के नाते 4000 क्यूसेक पानी पीने के लिए दिया जा रहा है, जो जारी रहेगा, लेकिन इसके अलावा अतिरिक्त पानी देना संभव नहीं है।

बैठक पर नाराजगी, कानूनी प्रक्रिया की अनदेखी:
बरिंदर गोयल ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी बी.बी.एम.बी. के माध्यम से पंजाब के हक पर डाका डाल रही है। उन्होंने गैर-कानूनी ढंग से बुलाई गई बी.बी.एम.बी. की बैठक को असंवैधानिक करार देते हुए इसकी कड़ी निंदा की।
उन्होंने कहा कि किसी भी बैठक को बुलाने की कानूनी प्रक्रिया होती है, लेकिन नियमों को दरकिनार कर आधी रात को बैठकें बुलाई जाती हैं और पंजाब की बात तक नहीं सुनी जाती।

“नदी पंजाब की, पानी क्यों नहीं?”
गोयल ने सवाल उठाया कि जब सतलुज, रावी और ब्यास नदियां पंजाब से होकर गुजरती हैं, तो इनका पानी अन्य राज्यों को किस आधार पर दिया जा रहा है? उन्होंने 1981 की जल संधि को समय से पीछे बताते हुए नई जल संधि की मांग की, क्योंकि अब नदियों में पानी की उपलब्धता पहले से काफी कम हो गई है।

“बी.बी.एम.बी. को नहीं है अधिकार”
मंत्री ने चेतावनी दी कि बी.बी.एम.बी. अगर किसी राज्य के हिस्से का पानी दूसरे राज्य को देने का फैसला करता है, तो वह पूरी तरह गैर-कानूनी और असंवैधानिक होगा। बोर्ड को ऐसे किसी भी निर्णय से बचना चाहिए।

“पंजाब के खेतों तक पहुंचाया पानी”
गोयल ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने पिछले तीन वर्षों में नहरों और खालों के विकास पर बड़ा कार्य किया है। जहां 2021 में केवल 22% रकबे को नहरी पानी मिलता था, वहीं आज यह आंकड़ा 60% तक पहुंच गया है।

“हरियाणा की मांग अनुचित”
उन्होंने कहा कि हरियाणा ने पीने के लिए 4000 क्यूसेक पानी की मांग की थी, जिसे पंजाब ने मानवीय आधार पर पूरा किया। जबकि उनकी वास्तविक जरूरत केवल 1700 क्यूसेक है। अब 8500 क्यूसेक पानी की मांग करना अनुचित और असंभव है।

डैम सेफ्टी एक्ट पर आपत्ति
गोयल ने डैम सेफ्टी एक्ट-2021 को पंजाब के अधिकारों पर हमला करार देते हुए इसे तुरंत रद्द करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह कानून केंद्र सरकार को राज्यों की नदियों और बांधों पर सीधा नियंत्रण देता है, जो संघीय ढांचे के खिलाफ है।

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