50 साल बाद भी नंगल-तलवाड़ा रेलवे लाइन का काम पूरा नहीं, परियोजना की लेटलतीफी पर PM मोदी हैरान

देश में रेल परियोजनाओं की लेटलतीफी का सबसे बड़ा उदाहरण बनी नंगल डैम-तलवाड़ा ब्राडगेज रेललाइन ने पीएमओ को भी सोचने पर विवश कर दिया है। करीब 14 प्रधानमंत्रियों का कार्याकाल देख चुके इस देश में वर्ष 1974 में नंगल डैम-तलवाड़ा ब्रॉडगेज लाइन का सपना संजोया गया तो रणनीतिक दृष्टि से अति महत्त्वपूर्ण इस रेल परियोजना को वर्ष 1981-82 में जब स्वीकृति मिली तो 83.71 किलोमीटर लंबे इस रेलवे ट्रैक के लिए 33.49 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत हुआ, जिसमें अलग से तलवाड़ा-मुकेरियां रेल सेक्शन के 29.16 किलोमीटर रेलवे ट्रैक का निर्माण भी शामिल था। करीब पांच दशक बाद अब इस परियोजना की लागत 2100 करोड़ रुपए पहुंच गई है, लेकिन अभी भी ये रेलवे ट्रैक बनकर तैयार नहीं हो पाया है। अब स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस परियोजना की निगरानी कर रहे हैं।
वर्ष 1974 में तत्कालीन रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र ने हिमाचल प्रदेश से गुजरने वाले एकमात्र ब्रॉडगेज रेलवे ट्रैक नंगल डैम-तलवाड़ा के लिए अंब में आधारशिला रखी थी, लेकिन वर्ष 1982 में ही केंद्र सरकार से इस रेल परियोजना को हरी झंडी मिल पाई। इसमें से करीब 62 किलोमीटर लंबा रेलवे ट्रैक हिमाचल प्रदेश की सीमा मरवाड़ी तक बिछना था जबकि 21.71 किलोमीटर लंबा रेलवे ट्रैक पंजाब में बिछाया जाना था। इस ट्रैक को तलवाड़ा से मुकेरियां तक 29.16 किलोमीटर रेलवे ट्रैक को मिलाया जाना प्रस्तावित था।
पांच स्टेशन, तीन हाल्ट स्टेशन
नंगल -तलवाड़ा ट्रैक पर ऊना, चरुड़ू, अंब, चिंतपूर्णी मार्ग व दौलतपुर चौक पांच स्टेशन बन चुके हैं, जबकि तीन हाल्ट स्टेशन हैं। अगला स्टेशन पंजाब के करटोली में प्रस्तावित है।