आर्थिक संकट में आई पावर कारपोरेशन, अभी शुरू नहीं होगा सैंज प्रोजेक्ट, हर रोज एक करोड़ का लॉस

हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन आर्थिक रूप से संकट में आ गया है। जो पावर कारपोरेशन लगातार तरक्की कर रहा था और इसकी परियोजनाओं में अच्छा उत्पादन चल रहा था, आज उसके सामने वित्तीय परेशानी खड़ी है। सरकार पावर कारपोरेशन को तवज्जो देती है और उसके माध्यम से यहां सरकारी क्षेत्र में बिजली के कारोबार को बढ़ाना चाहती है, मगर सरकार की इन मंशाओं को भी फिलहाल कहीं न कहीं झटका लगा है। प्राकृतिक आपदा ने पावर कारपोरेशन को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। बताया जा रहा है कि पावर कारपोरेशन की सैंज परियोजना, जो कि कमाऊपूत साबित हो रही थी, उसमें उत्पादन बंद होने की वजह से यह संकट खड़ा हुआ है। पिछले लगभग 25 दिनों से यह परियोजना बंद पड़ी है। जानकारी के अनुसार सैंज जल विद्युत परियोजना, जो कि 100 मेगावाट क्षमता की है, में उत्पादन पूरी तरह से बंद है और अभी इसे वापस शुरू करने में लगभग तीन महीने का समय लगेगा। पिछले महीने जब सैंज घाटी के जीवानाला में बादल फटा था, तो वहां पावर कारपोरेशन के सैंज प्रोजेक्ट को नुकसान हुआ।
पानी इसके तीन फ्लोर तक भर गया था, जिसमें टरबाइन और जेनरेटर फ्लोर पूरी तरह से जलमग्न हो गए। यहां पर सिल्ट भर गई और मशीनरी को बड़ा नुकसान उसकी वजह से हुआ है। लगभग 40 करोड़ रुपए का नुकसान यहां के उपकरणों व आधारभूत ढांचे को बताया जा रहा है। यहां पर रोजाना एक करोड़ रुपए का नुकसान उत्पादन का उत्पादन पड़ रहा है। पावर कारपोरेशन के सावड़ा कुड्डू और काशंग प्रोजेक्ट अभी चल रहे हैं, मगर वहां पर भी उत्पादन प्रभावित हो रहा है। वहीं सोलर परियोजनाओं की बात करें, तो पेखूवेला प्रोजेक्ट को भी बारिश की वजह से नुकसान हुआ है।