अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान ने किया काली माता मंदिर का दौरा, मंदिर के कायाकल्प की व्यापक योजना का ऐलान

पटियाला, 25 मई :
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को पटियाला स्थित ऐतिहासिक श्री काली माता मंदिर में माथा टेककर प्रदेश की शांति, समृद्धि और प्रगति की कामना की। इस अवसर पर दोनों नेताओं ने मंदिर के कायाकल्प की महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बताया कि बीते तीन दशकों से उपेक्षित पवित्र सरोवर को अब पूरी तरह से पुनर्जीवित किया जाएगा। सरोवर की सफाई, वाटरप्रूफिंग, पत्थरों की नई सजावट, और आकर्षक रास्तों के निर्माण सहित इसका पूर्ण नवीनीकरण किया जाएगा। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मंदिर परिसर की पवित्रता और विरासत को संरक्षित रखते हुए इसे वास्तुशिल्पीय सौंदर्य से परिपूर्ण बनाया जाएगा। दोनों नेताओं ने यह भी घोषणा की कि मंदिर के पुराने गेट को फिर से खोला जाएगा और उसका भी नवीनीकरण किया जाएगा। मंदिर के सभी प्रवेश द्वारों को एक समान शैली में सजाया जाएगा ताकि श्रद्धालुओं की आवाजाही सहज और व्यवस्थित हो सके। सिख और हिंदू धार्मिक परंपराओं को ध्यान में रखते हुए मंदिर में रोजाना नि:शुल्क लंगर सेवा शुरू की जाएगी, जिससे दूर-दराज से आने वाले और आर्थिक रूप से कमजोर श्रद्धालुओं को लाभ मिलेगा।
उन्होंने बताया कि मंदिर के संपूर्ण विकास के लिए एक विस्तृत मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। इसमें निर्माण कार्य, विरासत संरक्षण, तीर्थयात्रियों की सुविधाएं, स्वच्छता, पार्किंग व्यवस्था और यातायात प्रबंधन जैसी आवश्यकताएं शामिल होंगी। इस योजना को शहरी और धार्मिक योजना विशेषज्ञों के परामर्श से अंतिम रूप दिया जाएगा। विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और दिव्यांग श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए श्रद्धालु हॉल को पूरी तरह एयर-कंडीशंड बनाया जाएगा, जिससे वे बदलते मौसम में भी आराम से दर्शन कर सकें। मुख्यमंत्री और आप संयोजक ने कहा कि यह मंदिर प्रतिदिन लगभग 25,000 श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है, जबकि शनिवार को यह संख्या एक लाख और नवरात्रि जैसे पर्वों पर करीब डेढ़ लाख तक पहुंच जाती है। उन्होंने इस पवित्र स्थल पर माथा टेकने को अपना सौभाग्य बताया।
उन्होंने श्री काली माता मंदिर को उत्तर भारत के सबसे प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक मंदिरों में से एक बताया, जो पंजाब की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत और शाही इतिहास का सजीव उदाहरण है। मंदिर में स्थापित छह फुट ऊंची काली माता की प्रतिमा और बंगाल से लाई गई पवित्र ज्योति इसकी विशेषता है। इसके अतिरिक्त मंदिर परिसर में देवी राज राजेश्वरी का भी एक प्राचीन मंदिर स्थित है, जो इसे एक अनोखा आध्यात्मिक और वास्तुशिल्प केंद्र बनाता है। दोनों नेताओं ने जोर देकर कहा कि युवाओं को अपनी गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने के लिए ऐसे ऐतिहासिक स्थलों का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है, और यह सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है। इस योजना के जरिए मंदिर न केवल आस्था का केंद्र बनेगा बल्कि सांस्कृतिक पर्यटन का एक प्रमुख स्थल भी बनेगा।