मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार विरोधी एक्शन लाइन रंग लाई, 60,000 की रिश्वत मांगने वाला बीडीपीओ कार्यालय का सुपरिंटेंडेंट गिरफ्तार

चंडीगढ़, 5 मई
पंजाब सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार विरोधी एक्शन लाइन पर मिली शिकायत के बाद विजिलेंस ब्यूरो ने अमृतसर जिले के वेरका ब्लॉक स्थित बीडीपीओ कार्यालय में तैनात सुपरिंटेंडेंट सतनाम सिंह को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है।
विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि सतनाम सिंह ने गांव नबिपुर निवासी एक व्यक्ति से सरकारी कार्रवाई के बदले 60,000 रुपये रिश्वत मांगी थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि उसके पड़ोसी ने उसके घर जाने वाली सरकारी गली पर अवैध कब्जा कर लिया था। इस संबंध में उसने बीडीपीओ लखविंदर कौर को शिकायत दी थी, जिसे सुपरिंटेंडेंट सतनाम सिंह को सौंपा गया। सतनाम ने मामले की जांच के लिए जूनियर इंजीनियर और पंचायत सचिव को निर्देश दिए।
जांच में कब्जा साबित हुआ और कब्जाधारी पर 3,284 रुपये का जुर्माना लगाया गया। बावजूद इसके, नोटिसों की अनदेखी के कारण बीडीपीओ कार्यालय ने पुलिस सहायता से अवैध निर्माण हटवाया। लेकिन उसके बाद सतनाम सिंह ने शिकायतकर्ता की दूसरी शिकायत पर कार्रवाई करने के बदले 50,000 रुपये की रिश्वत और 20,000 रुपये अग्रिम देने की मांग की। शिकायतकर्ता ने सतनाम सिंह के खाते में गूगल पे से 10,000 रुपये भेजे थे।
बाद में जब शिकायतकर्ता के पड़ोसी ने बदले की कार्रवाई में गांव का नाला बंद कर दिया, तो वह दोबारा सतनाम सिंह के पास गया। आरोप है कि सुपरिंटेंडेंट ने पूर्व में दी गई रिश्वत का हवाला देते हुए मदद से इनकार कर दिया और धमकी दी कि वह पहले की बात किसी को न बताए।
सभी तथ्यों की पुष्टि के बाद विजिलेंस ब्यूरो ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर सतनाम सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। उसे अदालत में पेश किया जाएगा। साथ ही, बीडीपीओ लखविंदर कौर की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
विजिलेंस ब्यूरो ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की रिश्वत या दुराचार की घटनाओं की तुरंत रिपोर्ट करें। मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार विरोधी एक्शन लाइन भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता की सशक्त भागीदारी का माध्यम बन चुकी है। समय पर दी गई जानकारी से त्वरित कार्रवाई संभव होती है।