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कांग्रेस दोराहे पर – संगठन में स्लीपर सेल की तलाश में राहुल गांधी

शिमला: भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विवेक शर्मा ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि भारत के लोकतंत्र में विपक्षी दल की भूमिका निभाने वाली कांग्रेस आज अपनी ही पार्टी के भीतर विभीषण तलाश रही है। राहुल गांधी के हालिया बयानों ने इस सच्चाई को उजागर कर दिया है कि कांग्रेस समर्थक बुद्धिजीवियों ने ही अब पार्टी के भीतर मौजूद नेताओं को “स्लीपर सेल” की संज्ञा दे दी है।

विवेक शर्मा ने कहा कि राहुल और प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की राजनीति किसी रोमांचक कथा से कम नहीं रह गई है। निजी स्वार्थों से लबालब सत्ता का आनंद उठाने वाली कांग्रेस को यह नहीं भूलना चाहिए कि जो नेता उसे छोड़कर जा रहे हैं या पहले ही किनारा कर चुके हैं, वही शायद कांग्रेस के असली वफादार थे। लेकिन पार्टी अब उन्हें ही बिकाऊ बताकर, विपक्षी दलों पर पाप धोने वाली वाशिंग मशीन होने का आरोप लगाकर और कभी ईवीएम पर सवाल उठाकर अपनी असफलताओं को छिपाने का प्रयास कर रही है।

गांधी परिवार को खुश करने की होड़ में संगठन को नुकसान

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस आज ऐसे नेताओं से भरी पड़ी है जो सिर्फ अपने आकाओं को खुश करने में लगे हैं। यह नेता खुद ही अब “स्लीपर सेल” की परिभाषा में आ गए हैं। अपने ही संगठन के समर्पित कार्यकर्ताओं पर बिकाऊ होने का आरोप लगाकर, गांधी परिवार को प्रसन्न करने वाले लोग आज विभीषण की भूमिका में आ चुके हैं। यही कारण है कि कांग्रेस का बुद्धिजीवी वर्ग अब अपनी ही पार्टी के नेताओं को “स्लीपर सेल” कह रहा है।

हिमाचल में अहंकार और चाटुकारिता की राजनीति हावी

विवेक शर्मा ने हिमाचल कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में कांग्रेस जिस प्रकार अहंकार, हठधर्मिता और चाटुकारिता में लिप्त है, वह विभीषण से भी ज्यादा खतरनाक स्थिति है। उन्होंने कहा कि “स्लीपर सेल” कम से कम मेहनताना तो मांगते हैं, लेकिन यह सरकार पूरी तरह विलासिता में डूबी हुई है। सत्ता के नशे में चूर मुख्यमंत्री के प्रति असंतोष जताने वाले छह कांग्रेस और तीन निर्दलीय विधायकों को चैंपियन बताने की कोशिश की जा रही है, जबकि सच्चाई यह है कि आज राजनीति में कार्यकर्ता नहीं बल्कि गुर्गे पैदा हो रहे हैं।

राहुल गांधी की स्वीकारोक्ति – कांग्रेस में ही विभीषण मौजूद

विवेक शर्मा ने कहा कि कांग्रेस आज दोराहे पर खड़ी है, जहां उसे अपने ही कार्यकर्ताओं पर संदेह होने लगा है। उन्होंने कहा:
“पूत कपूत तो क्यों धन संचय, पूत सपूत तो क्यों धन संचय”
इसका सीधा अर्थ यह है कि जो संगठन मजबूत है, उसे अपने कार्यकर्ताओं पर भरोसा रखना चाहिए। कांग्रेस को अब यह समझना चाहिए कि जो लोग पार्टी में रहकर विरोध करते हैं, वे ही असल में पार्टी के राजनीतिक विरोधियों से लड़ने का दम रखते हैं।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी को अब यह एहसास हो रहा है कि उनकी ही पार्टी के नेता बिकाऊ ही नहीं बल्कि विभीषण भी हैं। यह बात तब और स्पष्ट हो गई जब स्वर्गीय अहमद पटेल की बेटी मुमताज पटेल ने भी राहुल गांधी के बयान पर मोहर लगाई। इससे साफ है कि कांग्रेस के भीतर गहरी कलह है, और पार्टी अपने ही नेताओं को स्लीपर सेल बताकर बचाव का रास्ता तलाश रही है।

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