पुराने बर्तनों का दान: शुभ या अशुभ? जानिए ज्योतिषीय महत्व

हिंदू धर्म में बर्तनों का केवल रसोई से ही नहीं, बल्कि धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से भी गहरा संबंध है। पुराने बर्तन कई पीढ़ियों से घरों में संचित होते रहे हैं और कुछ बर्तनों को देवी-देवताओं से भी जोड़ा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जहां टूटे हुए बर्तन घर में नकारात्मक ऊर्जा का कारण बनते हैं, वहीं सही स्थिति में पुराने बर्तनों का दान करना शुभ माना जाता है।
क्या कहते हैं धार्मिक ग्रंथ और ज्योतिषीय मान्यताएं?
विशेषज्ञों के अनुसार, घर के पुराने बर्तनों का दान करने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और सकारात्मकता बढ़ती है। मान्यता है कि पुराने बर्तन घर में अशांति का कारण बन सकते हैं, ऐसे में इनका दान करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। धार्मिक दृष्टि से, बर्तनों का दान पुण्य अर्जित करने का भी एक प्रभावी उपाय माना गया है।
कब और कैसे करें पुराने बर्तनों का दान?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पुराने बर्तनों का दान करने के लिए शुभ दिनों का चयन करना आवश्यक है।
- शनिवार: इस दिन दान करने से शनिदोष का निवारण होता है और घर में सुख-समृद्धि आती है।
- मंगलवार: इस दिन दान करने से मंगल दोष कम होता है और ऊर्जा संतुलित रहती है।
- गुरुवार: इस दिन दान करने से गुरु ग्रह की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में खुशहाली आती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इन दिनों में बर्तनों का दान किया जाए, तो यह जीवन में सकारात्मक ऊर्जा के संचार के साथ-साथ मानसिक शांति भी प्रदान करता है।
क्या न करें?
वहीं, टूटे-फूटे या खराब स्थिति में बर्तन दान करने से बचना चाहिए, क्योंकि यह नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। हमेशा स्वच्छ और उपयोगी बर्तन ही दान करना चाहिए।
(Disclaimer: यह लेख धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिषीय विश्वासों पर आधारित है। किसी भी निर्णय से पहले विशेषज्ञ से सलाह लें।)