रामपुर बुशहर में नशा तस्करी गिरोह का भंडाफोड़, चिट्टा तस्करी में 9 और गिरफ्तार, करोड़ों के लेन-देन का खुलासा

रामपुर बुशहर: रामपुर पुलिस ने नशा तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए चिट्टा (हेरोइन) तस्करी से जुड़े 9 और आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया है। इस गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस ने करोड़ों रुपये के लेन-देन और एक बड़े तस्करी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है।
पहली गिरफ्तारी और बरामदगी:
3 मार्च को मंडी जिले के दो युवकों, सोहन लाल (25) और गीता श्रेष्ठ (25), को चिट्टा के साथ गिरफ्तार किया गया था। इनके पास से 26.68 ग्राम हेरोइन, मोबाइल फोन, जेवरात (कुल कीमत ₹4,50,000) और बैंक खातों में ₹4,72,537 की राशि बरामद की गई थी। पुलिस ने इनकी कुल ₹9,22,537 की संपत्ति जब्त की।
वित्तीय जांच का खुलासा:
वित्तीय जांच में सामने आया कि इन दोनों के खातों में ₹88 लाख से अधिक का लेन-देन हुआ है, जिससे यह पुष्टि हुई कि इनका नेटवर्क बड़े पैमाने पर सक्रिय था।
नौ नए आरोपियों की गिरफ्तारी:
21 मार्च को पुलिस ने रामपुर और ननखड़ी क्षेत्र से 9 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों में शामिल हैं:
- आदितल राठौर (35), गांव पलजारा
- गगन (31), मैन बाजार रामपुर
- नवीन चौहान (26), गांव कलमोग
- राजन मैहता (33), गांव लैलन
- मोहित अग्रवाल (32), शीश महल रामपुर
- उज्जवल पंडित (30), मैन बाजार रामपुर
- संजीव कुमार (30), गांव लालसा
- कुशल चौहान (21), गांव कराली
- राजकुमार (31), गांव मतरेवड
60 से 70 संदिग्धों की सूची तैयार:
रामपुर के उपमंडल पुलिस अधिकारी नरेश शर्मा ने बताया, “मुख्य आरोपियों के संपर्क में आए करीब 60 से 70 संदिग्धों को चिन्हित किया गया है। उनसे पूछताछ जारी है, और नशा तस्करी में संलिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि नशे के खिलाफ रामपुर पुलिस का ऑपरेशन लगातार जारी रहेगा।
कड़ी कानूनी कार्रवाई:
गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ NDPS Act, 1985 की कड़ी धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। इसमें 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा, भारी जुर्माना और अवैध संपत्ति की जब्ती का प्रावधान है।
नशा तस्करी से जुड़े कानूनी धाराएं:
इन आरोपियों पर निम्नलिखित धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ है:
- 21(b): वाणिज्यिक मात्रा में हेरोइन रखना या तस्करी करना।
- 25: नशीले पदार्थों के लिए संपत्ति का इस्तेमाल।
- 27A: नशा तस्करी के फाइनेंसिंग में संलिप्तता।
सजा:
NDPS Act के तहत आरोपियों को 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा और 1 लाख रुपये से अधिक जुर्माना हो सकता है, साथ ही उनकी अवैध संपत्ति जब्त की जा सकती है।