नवरात्रि के दूसरे दिन करें मां ब्रह्मचारिणी और चंद्रघंटा की पूजा, जानें मंत्र और भोग का महत्व

चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन आज भक्त मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी और चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा कर रहे हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, आज चैत्र शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है, जो सुबह 9:12 बजे तक रहेगी, इसके बाद तृतीया तिथि प्रारंभ हो जाएगी। इस दिन देवी मां की आराधना करने से भक्तों को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
मां ब्रह्मचारिणी: तपस्या और संयम की देवी
मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप अत्यंत शांत और सौम्य है। उन्होंने कठिन तपस्या कर भगवान शिव को प्रसन्न किया था, इसलिए इन्हें तपश्चारिणी भी कहा जाता है। सफेद वस्त्र धारण किए मां ब्रह्मचारिणी के एक हाथ में जप माला और दूसरे में कमंडल होता है। इनकी पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में संयम, धैर्य और तपस्या की शक्ति बढ़ती है।
मां ब्रह्मचारिणी का पूजन और मंत्र
आज मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से व्यक्ति को हर कार्य में विजय प्राप्त होती है। भक्तों को निम्नलिखित मंत्र का जाप करना चाहिए:
मंत्र: “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नमः।”
मंत्र का 108 बार जप करने से मनोबल और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। साथ ही, मां को शक्कर और पंचामृत का भोग लगाने से दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
मां चंद्रघंटा: शक्ति और पराक्रम की प्रतीक
मां चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र सुशोभित रहता है, जिससे इनका नाम पड़ा। सिंह पर सवार मां चंद्रघंटा के दस हाथों में शस्त्र और आशीर्वाद की मुद्राएं होती हैं। उनकी पूजा करने से भय, शत्रुओं और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती है।
मां चंद्रघंटा का पूजन और मंत्र
मां चंद्रघंटा की उपासना से सभी परेशानियों का निवारण होता है। इस दिन भक्तों को निम्नलिखित मंत्र का जाप करना चाहिए:
मंत्र: “पिण्डज प्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥”
इस मंत्र का 11 बार जप करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और कष्टों से मुक्ति मिलती है। मां को दूध से बनी खीर या मिठाई का भोग अर्पित करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
भोग और विशेष उपाय
- मां ब्रह्मचारिणी को चीनी या गुड़ का भोग लगाने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है और आयु लंबी होती है।
- मां चंद्रघंटा को दूध से बनी खीर अर्पित करने से सभी प्रकार की समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
चैत्र नवरात्रि के इस शुभ अवसर पर भक्त श्रद्धा और भक्ति के साथ देवी मां की पूजा-अर्चना कर रहे हैं, जिससे सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त हो सके।