नाहन मेडिकल कॉलेज को शिफ्ट करना जनता के भाग्य पर कुठाराघात : डॉ. राजीव बिंदल

नाहन – डॉ. यशवंत सिंह परमार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, नाहन को अन्यत्र स्थानांतरित करने की संभावनाओं को लेकर जनता में गहरा रोष है। शनिवार को ऐतिहासिक बड़ा चौक में आयोजित सांकेतिक धरने में सैकड़ों लोग जुटे और विरोध दर्ज करवाया। इस अवसर पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेज को नाहन से बाहर ले जाना, यहां की जनता के भाग्य पर सीधा कुठाराघात है।
डॉ. बिंदल ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद से नाहन में कोई बड़ा औद्योगिक या संस्थागत प्रकल्प नहीं आया, जिससे शहर की विकास गति रुक गई। उन्होंने याद दिलाया कि कभी नाहन फाउंड्री यहां की जीवन रेखा थी, जहां करीब एक हजार लोगों को रोजगार मिलता था। इसके बंद होने के बाद केवल मेडिकल कॉलेज ही ऐसा प्रकल्प है, जिसने शहर को दोबारा जीवन देना शुरू किया है।
500 बिस्तरों का बनना था अस्पताल, अब हो रहा शिफ्टिंग का षड्यंत्र
भाजपा नेता ने कहा कि मेडिकल कॉलेज का भवन पूरा होने पर इसमें 500 बिस्तरों का अस्पताल प्रस्तावित था, जिसमें 200 से अधिक डॉक्टर, 1000 से अधिक अन्य स्टाफ, 500 विद्यार्थी और रोज़ाना 3000 मरीजों की ओपीडी, 2000 अभिभावकों के आगमन से करीब 10 हजार लोगों की रोजाना आवाजाही होती। इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोगों को रोजगार मिलता।
उन्होंने कहा कि फिलहाल भी कॉलेज में 200 बिस्तर, 1500 ओपीडी, 100 डॉक्टर, 300 स्टाफ और 500 छात्र हैं, जिससे रोज़ाना 5000 लोगों का शहर में आगमन होता है। ऐसे प्रकल्प की शिफ्टिंग का विचार ही नाहन के साथ अन्याय है।
नाहन के नेता फंसे चक्रव्यूह में, जनता को किया गुमराह
डॉ. बिंदल ने आरोप लगाया कि मेडिकल कॉलेज को बंद करने या शिफ्ट करने की साजिश रची जा रही है, और नाहन के कुछ नेता इस चक्रव्यूह में फंसकर शहर के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नाहन बाईपास और टनल के निर्माण से शहर का भविष्य उज्ज्वल हो सकता है, लेकिन यदि मेडिकल कॉलेज शिफ्ट हो गया तो शहर पूरी तरह बर्बाद हो जाएगा।
ढाई साल से ठप पड़ा निर्माण कार्य, अब फैलाई जा रही ‘विस्तारीकरण’ की भ्रांति
भाजपा नेता ने सवाल खड़ा किया कि कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के ढाई साल बाद भी निर्माण कार्यों को ठप रखा गया है। मेडिकल कॉलेज की इमारतों पर काम रुक चुका है, उपकरणों और सुविधाओं का विस्तार नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि कॉलेज में पहले से ही तीन ऑक्सीजन प्लांट, 25 वेंटिलेटर, अत्याधुनिक सीटी स्कैन, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड मशीनें और ऑपरेशन थिएटर मौजूद हैं, जिन्हें और बेहतर बनाया जाना चाहिए था।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मातृ एवं शिशु अस्पताल के लिए आवंटित 20 करोड़ रुपये का उपयोग भी रोक दिया गया है। डॉ. बिंदल ने कहा कि “विस्तारीकरण” शब्द जनता को गुमराह करने के लिए गढ़ा गया एक छलावा है।
धरने में उपस्थित लोगों ने भी एक सुर में यह मांग दोहराई कि मेडिकल कॉलेज को नाहन से बाहर शिफ्ट न किया जाए, और यहां की जनता को उसका हक पूरा दिया जाए।