कानून की पढ़ाई से आत्मविश्वास जागृत होता है – सीएम सुक्खू

शिमला | हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एचपीएनएलयू), शिमला ने रविवार को हिमाचल प्रदेश न्यायिक अकादमी में अपना दूसरा दीक्षांत समारोह आयोजित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उपाधि प्राप्त करने वाले छात्रों को शुभकामनाएं दीं और उन्हें मेहनत, समर्पण और दृढ़ इच्छाशक्ति से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की, लेकिन कभी वकालत नहीं की। राजनीति और समाज सेवा में विशेष रुचि के कारण उन्हें प्रदेश की सेवा का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि कानून की पढ़ाई आत्मविश्वास बढ़ाने में सहायक होती है, चाहे व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में जाए।
प्रदेश सरकार के कानूनी सुधार
सीएम सुक्खू ने प्रदेश सरकार द्वारा किए गए कानूनी सुधारों का उल्लेख किया:
✔ अनाथ बच्चों के कल्याण के लिए विशेष कानून – हिमाचल प्रदेश यह कानून बनाने वाला देश का पहला राज्य बना।
✔ बेटियों को संपत्ति में समान अधिकार – महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम।
✔ लड़कियों की विवाह की न्यूनतम आयु 21 वर्ष – महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए बदलाव।
✔ हिमाचल प्रदेश नशा निवारण और संगठित अपराध अधिनियम पारित – नशीली दवाओं और संगठित अपराध से निपटने की सख्त कार्रवाई।
उत्कृष्ट छात्रों को स्वर्ण पदक
दीक्षांत समारोह में 2018 से 2023 के मेधावी छात्रों को विभिन्न स्वर्ण पदकों और पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इनमें शीनम ठाकुर, सूर्य देव सिंह भंडारी, निवेदिता शर्मा, अदिति शर्मा, अंकिता शर्मा और संचित शर्मा प्रमुख रहे।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत का संदेश
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने छात्रों को धैर्य और ईमानदारी के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि कानून केवल उन लोगों के लिए नहीं है जो इसे वहन कर सकते हैं, बल्कि उन लोगों के लिए है, जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।
न्यायमूर्ति संजय करोल और राजीव शकधर को मानद उपाधि
समारोह में सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति संजय करोल और हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश राजीव शकधर को डॉक्टर ऑफ लॉज़ की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर 451 छात्रों को उपाधियां प्रदान की गईं, जिनमें बीए एलएलबी, बीबीए एलएलबी, एलएलएम और पीएचडी के विद्यार्थी शामिल थे। उत्कृष्ट शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए छात्रों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।