सुप्रीम कोर्ट का निर्देश: डॉक्टर मरीजों को केवल जेनेरिक दवाइयां ही लिखें

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों से अपील की है कि वे मरीजों के लिए केवल जेनेरिक दवाइयां ही लिखें, न कि किसी विशेष कंपनी की ब्रांडेड दवाइयां। अदालत ने यह टिप्पणी दवा कंपनियों के खिलाफ दायर एक याचिका की सुनवाई के दौरान की, जिसमें कंपनियों पर दवाइयों की कीमतों और मार्केटिंग को लेकर मनमानी का आरोप लगाया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि देशभर में डॉक्टर केवल जेनेरिक दवाइयां लिखना शुरू करें, तो इससे स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा सुधार आ सकता है और मरीजों पर आर्थिक बोझ भी कम होगा। इससे पहले राजस्थान हाईकोर्ट ने भी इसी तरह का आदेश दिया था।
अदालत ने यह भी कहा कि डॉक्टरों की जिम्मेदारी है कि वे मरीजों के हित को प्राथमिकता दें, और ब्रांडेड दवाइयों की जगह प्रभावी और किफायती जेनेरिक विकल्पों को बढ़ावा दें।