चूड़धार में वैशाख संक्रांति पर खुलेंगे शिरगुल महाराज मंदिर के कपाट, 5 माह बाद फिर से शुरू होगी यात्रा

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले की सबसे ऊंची चोटी चूड़धार में स्थित शिरगुल महाराज मंदिर के कपाट वैशाख संक्रांति के अवसर पर, 14 अप्रैल 2025 को, श्रद्धालुओं के लिए पुनः खोले जाएंगे। सर्दियों के मौसम में भारी बर्फबारी और कठिन परिस्थितियों के चलते मंदिर के कपाट दिसंबर 2024 में बंद कर दिए गए थे, जिससे लगभग पांच महीनों तक तीर्थयात्रा पर प्रशासनिक रोक लगी रही।
चूड़धार चोटी समुद्र तल से लगभग 11,965 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और यह क्षेत्र सिरमौर, शिमला, चौपाल, सोलन और उत्तराखंड के देहरादून जिलों के लोगों के लिए अत्यंत धार्मिक महत्व रखता है। शिरगुल महाराज, जिन्हें चूड़ेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है, इस क्षेत्र के प्रमुख आराध्य देवता हैं।
हर वर्ष सर्दियों में, विशेषकर दिसंबर से अप्रैल तक, बर्फबारी के कारण चूड़धार यात्रा पर प्रशासनिक प्रतिबंध लगाया जाता है। इस दौरान श्रद्धालुओं से अनुरोध किया जाता है कि वे यात्रा पर न जाएं, क्योंकि खराब मौसम और बर्फबारी के चलते मार्ग जोखिमपूर्ण हो जाता है। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि आदेश की अवहेलना करने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
अब, वैशाख संक्रांति पर मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही, श्रद्धालु एक बार फिर शिरगुल महाराज के दर्शन कर सकेंगे। चूड़धार यात्रा के लिए नोहराधार, हरिपुरधार और सराहां जैसे स्थानों से ट्रेकिंग मार्ग उपलब्ध हैं, जो लगभग 18 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं। यह यात्रा मध्यम से कठिन श्रेणी की मानी जाती है, इसलिए श्रद्धालुओं को उचित तैयारी और सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वे यात्रा के दौरान प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और मौसम की स्थिति के अनुसार अपनी योजना बनाएं, ताकि एक सुरक्षित और सुखद तीर्थयात्रा सुनिश्चित की जा सके।