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हरियाणा में जल संकट गहराया, कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने भाजपा सरकार पर साधा निशाना

सिरसा, 22 मई: कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने हरियाणा में गहराते जल संकट को लेकर राज्य की भाजपा सरकार पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब-हरियाणा जल विवाद के बीच प्रदेश सरकार पेयजल प्रबंधन में पूरी तरह विफल रही है। सैलजा ने कहा कि यदि समय रहते नहरों की सफाई और आवश्यक प्रबंध किए गए होते, तो आज प्रदेश को पानी की इतनी किल्लत का सामना नहीं करना पड़ता।

“पानी पर राजनीति कर रही है पंजाब सरकार”

मीडिया को जारी बयान में सैलजा ने कहा कि भाखड़ा नांगल बांध से हरियाणा के हिस्से का पानी पूरी मात्रा में नहीं पहुंच रहा है। पंजाब सरकार हरियाणा के लोगों की प्यास बुझाने के बजाय पानी पर राजनीति कर रही है। नतीजतन प्रदेश के 10 जिलों में गंभीर पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है। 51 जलघर पूरी तरह से सूख चुके हैं और कई इलाकों में पानी की आपूर्ति टैंकरों के माध्यम से की जा रही है।

गांवों में एक दिन छोड़कर पानी की सप्लाई

सैलजा ने बताया कि वर्तमान हालात यह हैं कि शहरी क्षेत्रों में एक समय के लिए पानी की आपूर्ति की जा रही है, जबकि ग्रामीण इलाकों में एक दिन छोड़कर पानी दिया जा रहा है। कई जगहों पर लोग मजबूरी में टैंकर मंगवाकर महंगे दामों पर पानी खरीदने को विवश हैं। जलघर के टैंकों में पानी खत्म होने से जनस्वास्थ्य विभाग की राशनिंग व्यवस्था भी चरमरा गई है।

सरकार ने नहीं की नहरों की सफाई

सैलजा ने दावा किया कि मार्च में उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर नहरों की सफाई करवाने की अपील की थी ताकि पानी की पूरी आपूर्ति सुनिश्चित हो सके, लेकिन सरकार ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि एसवाईएल नहर का मुद्दा भी राजनीति की भेंट चढ़ चुका है और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद पंजाब सरकार पालन नहीं कर रही है।

किसानों के सामने फसल संकट

जल संकट का असर अब कृषि पर भी दिखाई दे रहा है। सिरसा समेत दक्षिण हरियाणा के कई जिलों में सिंचाई के लिए भी पानी की भारी कमी है। सैलजा ने कहा कि किसान धान और नरमा की बिजाई करने की सोच रहे हैं, लेकिन सिंचाई विभाग ने पानी की अनुपलब्धता के चलते असमर्थता जाहिर कर दी है। इससे किसानों की आजीविका पर बड़ा संकट मंडरा रहा है।

“लोकतंत्र के लिए खतरनाक स्थिति”

कुमारी सैलजा ने यह भी कहा कि हाईकोर्ट ने हरियाणा के हक में निर्णय दिया है, लेकिन पंजाब सरकार उसे मानने को तैयार नहीं है। उन्होंने इसे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए एक गंभीर खतरा बताया और केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की।

निष्कर्षतः, हरियाणा में पेयजल और सिंचाई संकट ने आम जनता और किसानों की परेशानी बढ़ा दी है, और यह मुद्दा अब केवल जल प्रबंधन का नहीं, बल्कि राजनीतिक टकराव का रूप भी ले चुका है।

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