यूट्यूब ने भारत में 29 लाख से अधिक वीडियो हटाए, कंटेंट मॉडरेशन पर फिर छिड़ी बहस

नई दिल्ली: यूट्यूब द्वारा जारी नवीनतम सामुदायिक दिशानिर्देश प्रवर्तन रिपोर्ट के अनुसार, भारत एक बार फिर वीडियो हटाने की सूची में शीर्ष पर बना हुआ है। अक्टूबर से दिसंबर 2024 के बीच, यूट्यूब ने भारत में 2.9 मिलियन (29 लाख) से अधिक वीडियो को अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया।
यूट्यूब ने क्या कहा?
गूगल के स्वामित्व वाली इस वीडियो शेयरिंग कंपनी ने स्पष्ट किया कि यूट्यूब के सामुदायिक दिशानिर्देशों को वैश्विक स्तर पर लागू किया जाता है, भले ही कंटेंट कहां से अपलोड किया गया हो। कंपनी के अनुसार, जब कोई सामग्री दिशानिर्देशों का उल्लंघन करती है, तो उसे वैश्विक स्तर पर हटाया जाता है।
यूट्यूब ने कहा, “अधिकांश हटाई गई टिप्पणियों और वीडियो का पता हमारे स्वचालित फ़्लैगिंग सिस्टम द्वारा लगाया जाता है, लेकिन उन्हें मानव फ्लैगर्स द्वारा भी रिपोर्ट किया जा सकता है। हमारी वैश्विक टीम चिह्नित सामग्री की समीक्षा कर दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वाली सामग्री को हटाने का निर्णय लेती है। हालांकि, यदि कोई सामग्री हमारी नीतियों का उल्लंघन नहीं करती, तो उसे प्लेटफॉर्म पर रहने की अनुमति दी जाती है।”
ब्राज़ील दूसरे स्थान पर, वीडियो हटाने में 32% की वृद्धि
रिपोर्ट के अनुसार, भारत 2020 से लगातार इस सूची में सबसे ऊपर है। इस तिमाही में वीडियो हटाने की दर में 32% की वृद्धि देखी गई है। इसी अवधि में ब्राज़ील में 1 मिलियन (10 लाख) से अधिक वीडियो हटाए गए, जिससे वह दूसरे स्थान पर रहा।
कंटेंट मॉडरेशन टूल की भूमिका
यूट्यूब के अनुसार, उसके स्वचालित कंटेंट मॉडरेशन टूल ने वीडियो हटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि “वैश्विक स्तर पर हटाए गए 99.7% से अधिक वीडियो हमारे ऑटोमैटिक सिस्टम द्वारा चिह्नित किए गए थे, जबकि मानवीय फ्लैगिंग का योगदान बेहद कम था।”
स्पैम और भ्रामक कंटेंट मुख्य कारण
यूट्यूब ने स्पष्ट किया कि जिन वीडियो को हटाया गया, उनमें से:
- 81.7% स्पैम, भ्रामक सामग्री या घोटाले से जुड़े थे।
- 6.6% उत्पीड़न (Harassment) से संबंधित थे।
- 5.9% बाल सुरक्षा से जुड़े मुद्दों के कारण हटाए गए।
- 3.7% हिंसक या ग्राफिक सामग्री के थे।
48 लाख चैनल और 1.3 अरब टिप्पणियाँ भी हटाई गईं
वीडियो हटाने के साथ-साथ, यूट्यूब ने 4.8 मिलियन (48 लाख) से अधिक चैनलों को भी बंद किया, जिनमें से ज्यादातर स्पैम नीतियों का उल्लंघन कर रहे थे। इसके अलावा, 1.3 बिलियन (1.3 अरब) से अधिक टिप्पणियों को भी सामुदायिक दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने या संभावित स्पैम के रूप में फ़िल्टर किए जाने के कारण हटाया गया।